हल्दी, जिससे E100 प्राप्त होता है, का उपयोग आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में 4000 से अधिक वर्षों से न केवल मसाले के रूप में बल्कि एक सूजनरोधी एजेंट के रूप में भी किया जाता रहा है।
भारतीय संस्कृति में, हल्दी का पवित्र महत्व है और इसका उपयोग धार्मिक समारोहों में किया जाता है। हल्दी मध्य युग में यूरोप आई और जल्दी ही केसर के सस्ते विकल्प के रूप में लोकप्रिय हो गई।